Pearl Millet (बाजरा)

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बाजरे के लिए सभी प्रकार की भूमि उपयुक्त होती है । इसकी अच्छी फसल के लिए भूमि की अच्छी जुताई होना आवश्यक है ।

बाजरे की बिजाई के लिए मुख्यतया 30-40 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए ।

20 जून से 31 जुलाई के बीच का समय बाजरे की बिजाई के लिए बढ़िया माना जाता है ।

गेहूँ की कटाई के बाद मई माह में खेत को एक से दो बार गहरा जोत कर छोङ देना चाहिये । मानसून की प्रथम वर्षा के साथ एक दो जुताई कर पाटा लगाकर खेत तैयार करना चाहिये । मानसून पूर्व खेत में गोबर की खाद चार पॉच ट्रोली प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह बिछा लें या 40 कि.ग्रा. DAP और 20 कि.ग्रा. पोटाश डालें । बुवाई से पूर्व खेत खरपतवार रहित तथा पर्याप्त नमीयुक्त होना चाहिये l

 शंकर, अग्रणी, नंदी, क्रेता ।

 इसमे कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से बीज उपचारित करें l

बाजरे की बिजाई 2 तरीके से कर सकते है छिटा विधि और कतारों में l ज्यादातर बिजाई कतारों में की जाती है l कतारों के बीच की दुरी लगभग 3/4 फीट होती है l

बिजाई के समय भूमि और पानी के अनुसार बीज का चयन करे l बिजाई के समय 1 से 1.5 Kg बाजरे के बीज की बिजाई करें l

 बिजाई के 50 से 60 दिन के अंदर पहली सिंचाई करें और पहली सिंचाई के साथ 25-30 Kg प्रति एकड़ यूरिया खाद डालें l अगर बारिश समय अनुसार हो रही है तो ग्वार में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है l बाजरे का दाना बनते समय अगर नमी कम है तो सिंचाई करें l

वैरायटी के हिसाब से जब फसल कटाई के लिए तैयार हो जाये तो दरांती से कटाई करें l

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