- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme)
- उद्देश्य
- सोयल हेल्थ कार्ड में दर्ज जानकारी
- सोयल हेल्थ कार्ड ( Soil Health Card Scheme ) के लाभ तथा विशेषताएं
- आधिकारिक वेबसाइट
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme ) को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में देश के किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गयी है । इस योजना के अंतर्गत देश के किसानो की जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फ़सल प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी । सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम के तहत किसानों को एक हेल्थ कार्ड दिया जायेगा, जिसमें किसानों के जमीन की मिट्टी किस प्रकार की है इसकी जानकारी (Farmers will be informed about the soil type of the land ) दी जाएगी और किसान अपनी जमीन की मिटटी की गुणवत्ता के आधार पर अच्छी फसल की खेती कर सके । केंद्र सरकार Soil Health Card प्रत्येक 3 साल में किसानों को प्रदान करेगी । कार्ड किसानों को उनके खेतों की गुणवत्ता के अनुरूप प्रदान किया जाएगा जो कि 3 साल के लिए 1 बार होगा इस स्कीम के अनुसार सरकार का 3 साल के अंदर ही पूरे भारत में लगभग 14 करोड़ किसानों को यह कार्ड जारी (The objective is to issue this card to about 14 crore farmers in India.) करने का उद्देश्य है । इस मृदा हेल्थ कार्ड में खेतों के लिए पोषण/ उर्वरकों के बारे में बताया जाएगा । सॉइल हेल्थ कार्ड एक रिपोर्ट कार्ड है जिसमे मिट्टी के गुण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी ।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानो को उनकी ज़मीन का अध्ययन करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना जिससे किसान ज्यादा से ज्यादा खेती कर सके । किसानों को उनके खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य के अनुसार फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है । Soil Health Card Scheme 2023 के ज़रिये मिट्टी की गुणवत्ता अनुसार फसल लगाने से फसल की उत्पादक क्षमता बढ़ेगी जिससे कि किसानों की आय भी बढ़ेगी और खाद के उपयोग से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ावा देना है जिससे किसानों को कम कीमत में अधिक पैदावर मिल सके ।
- मिट्टी की सेहत
- खेत की उत्पादन क्षमता
- पोषक तत्व की मौजूदगी एवं पोषक तत्व की कमी
- मिट्टी में नमी की मात्रा
- अन्य उपस्थित पोषक तत्व
- खेतों की गुणवत्ता सुधारने हेतु उचित दिशा निर्देश
- Soil Health Card को केंद्र सरकार द्वारा आरंभ किया गया है।
- इस योजना के माध्यम से किसान अपने खेत की मिट्टी की उपज बढ़ा सकते हैं।
- सन 2015 में इस योजना को आरंभ किया गया था। मुद्रा स्वास्थ्य कार्ड योजना के नाम से भी इस योजना को जाना जाता है।
- इस योजना के अंतर्गत एक कार्ड प्रदान किया जाता है जिसके माध्यम से किसान अपने खेत की जमीन की मिट्टी का प्रकार जान सकता है।
- यदि किसानों को अपने खेत की मिट्टी का प्रकार पता होगा तो उन्हें मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल लगाने में आसानी होगी और अच्छी खेती की जा सकेगी एवं ज्यादा मुनाफा प्राप्त किया जा सकेगा।
- किसानों को उनके खेत की मिट्टी से संबंधित सभी जानकारी मुद्रा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
- इस योजना को किसानों की आय में वृद्धि करने एवं खाद के उपयोग से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ाने के उद्देश्य से आरंभ किया गया था।
- कम कीमत में फसल की अधिक पैदावार भी इस योजना के माध्यम से सुनिश्चित की जा सकेगी।
- इस योजना के अंतर्गत जो सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को प्रदान किया जाएगा उसमें किसानों को अपने खेत के अनुसार फसल लगाने के सुझाव भी प्रदान किए जाएंगे।
- इस कार्ड के माध्यम से किसानों को यह भी जानकारी प्रदान की जाती है कि मिट्टी के अंदर कितनी मात्रा में क्या चीज है एवं किस फसल के लिए कितनी खाद और कौन सी खाद का उपयोग किया जाए।
- सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के माध्यम से किसानों के उत्पाद में भी बढ़ोतरी होगी।