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farmer honor conference(kisan samman sammelan)
https://youtu.be/-ztdWZyBMaQ?si=JQgT2ucRLGt35n8E नम: पार्वती पतये! हर हर महादेव! उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी शिवराज सिंह चौहान, भागीरथ चौधरी जी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, विधान परिषद के सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र चौधरी
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Post “पीएम किसान की 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की 17वीं किस्त जारी की” “पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना बनकर उभरी है” “मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सही लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल किया गया
Farmer Producer Organization
Table of Contents कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन, सिरसा दुकान नंबर, फर्म का नाम एवं दुरभाष निर्देशिकाClick Hereसमुद्री जीवो से मोती की खेतीसमुद्री जीवों से मोती की खेती करते हैं जिसे सीप मोती कहते हैं | ये समुद्री जीव सीप होता है जिस से सीप के मोती की खेती करते हैं|Click Hereलाल
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शफतल को भुकल के रूप में भी जाना जाता है। यह उच्च पोषक तत्वों वाली चारे की फसल है। यह सभी पशुओं द्वारा पसंद की जाती है। यह पछेती मौसम में उगाई जाने वाली फसल है। इसे जई के साथ मिलाकर या राई घास के साथ उत्पादित किया जाता है।
जलवायु
तापमान
वर्षा
बुआई का तापमान
कटाई का तापमान
मिट्टी
शफतल को मिट्टी की काफी किस्मों जैसे रेतली दोमट से भारी चिकनी मिट्टी में उगाया जा सकता है।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
अन्य किस्म : शफतल 48, SH 69, SH 48
ज़मीन की तैयारी
सीड बैड तैयार करने के लिए ज़मीन की डिस्क हैरो से एक बार जोताई करें और कल्टीवेटर से दो बार जोताई करें।
बिजाई
बिजाई का समय :
बीज बोने के लिए सितंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर अक्तूबर का पहला सप्ताह अनुकूल होता है।
बीज की गहराई :
बीजों को खड़े पानी में बोया जाता है।
बिजाई का ढंग :
बीजों को बुरकाव द्वारा बोया जाता है।
बीज
बीज की मात्रा :
एक एकड़ खेत में बिजाई के लिए 4-5 किलो बीजों का प्रयोग करें। बढ़िया पैदावार लेने के लिए शफतल की बिजाई के समय सरसों के बीज 500 ग्राम और जई के बीज 12 किलो को भी मिलाएं।
खाद
खाद (किलोग्राम प्रति एकड़)
Urea | SSP | MOP |
11 | 125 | – |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
Nitrogen | Phosphorus | Potash |
5 | 20 | – |
बिजाई के समय, नाइट्रोजन 5 किलो (यूरिया 11 किलो), फासफोरस 20 किलो (सिंगल सुपर फासफेट 125 किलो) प्रति एकड़ में डालें।
सिंचाई
शफतल की फसल के लिए सिंचाई आवश्यक होती है। हल्की मिट्टी में बिजाई के 3-6 दिनों बाद पहली और भारी मिट्टी में बिजाई के 6-8 दिनों बाद सिंचाई करें। बाकी की सिंचाई जलवायु के हालातों के आधार पर गर्मियों में 9-10 दिनों के फासले और सर्दियों में 10-15 दिनों के फासले पर करें।
पौधे की देखभाल
हानिकारक कीट और रोकथाम
बालों वाली सुंडी : यह पत्तों और तनों को खत्म कर देती है। इनके हमले से फसल का आर्थिक नुकसान होता है।
रोकथाम : इसे रोकने के लिए फ्लूबैनडीयामाइड 20 मि.ली. या क्विनलफॉस 400 मि.ली. को प्रति 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
चने की सुंडी : यह फसल को गंभीर रूप से नष्ट कर देती है।
रोकथाम: इसकी रोकथाम के लिए, 50 मि.ली. क्लोरनट्रैनिलीप्रोल 18.5 एस एल या 60 मि.ली ट्रेसर की स्प्रे करें। यदि आवश्यकता हो तो 10 दिनों के बाद दोबारा स्प्रे करें।
बीमारियां और रोकथाम
- कुंगी : इससे पौधे के हरे भाग में लाल रंग के छोटे दाने दिखाई देते हैं। पहले पत्तों को जंग लगता है और बाद में पत्ते गिर जाते हैं| प्रभावित बीजों का वजन हल्का होता है।
रोकथाम : यदि इसका हमला दिखे तो ज़िनेब 75 डब्लयु पी 400 ग्राम या एम-45@400 ग्राम को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
फसल की कटाई
फसल 55-60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। बाकी की कटाई 30 दिनों के फासले पर करें।