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किसानों के लिए सरकार की प्राकृतिक खेती योजना      

Table of Contents किसानों के लिए सरकार की प्राकृतिक खेती योजना राज्य सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद करने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य फसलों और भूमि को रासायनिक खादों और कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचाना है। प्राकृतिक

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Crop Residue Management Scheme
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फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना (₹ 1,000/- प्रति एकड़)

राज्य सरकार ने 2024-2025 के लिए फसल अपशिष्ट प्रबंधन योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को धान की पराली को मौके पर और मौके पर ही प्रबंधित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

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शफतल को भुकल के रूप में भी जाना जाता है। यह उच्च पोषक तत्वों वाली चारे की फसल है। यह सभी पशुओं द्वारा पसंद की जाती है। यह पछेती मौसम में उगाई जाने वाली फसल है। इसे जई के साथ मिलाकर या राई घास के साथ उत्पादित किया जाता है।

जलवायु

Season

तापमान

12°C-20°C
Season

वर्षा

500 MM

Season

बुआई का तापमान

13°C-15°C
Season

कटाई का तापमान

20°C – 25°C

मिट्टी

शफतल को मिट्टी की काफी किस्मों जैसे रेतली दोमट से भारी चिकनी मिट्टी में उगाया जा सकता है।

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

Shaftal 69: इसमे पत्ते की डंठल लम्बी, हरे पौधे और हल्के गुलाबी फूलों वाली एक बेहतर किस्म है। यह किस्म तना गलन रोग के प्रतिरोधी है और रोग से संक्रमित खेतों में बिजाई करने के लिए भी अच्छी है। मई के मध्य तक शफतल की यह किस्म औसतन 390 क्विंटल प्रति एकड़ हरा चारा देती है।
अन्य किस्म : शफतल 48, SH 69, SH 48

ज़मीन की तैयारी

सीड बैड तैयार करने के लिए ज़मीन की डिस्क हैरो से एक बार जोताई करें और कल्टीवेटर से दो बार जोताई करें।

बिजाई

बिजाई का समय :
बीज बोने के लिए सितंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर अक्तूबर का पहला सप्ताह अनुकूल होता है।

बीज की गहराई :
बीजों को खड़े पानी में बोया जाता है।

बिजाई का ढंग :
बीजों को बुरकाव द्वारा बोया जाता है।

बीज

बीज की मात्रा :
एक एकड़ खेत में बिजाई के लिए 4-5 किलो बीजों का प्रयोग करें। बढ़िया पैदावार लेने के लिए शफतल की बिजाई के समय सरसों के बीज 500 ग्राम और जई के बीज 12 किलो को भी मिलाएं।

खाद

खाद (किलोग्राम प्रति एकड़)

UreaSSPMOP
11125

तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)

NitrogenPhosphorusPotash
520

बिजाई के समय, नाइट्रोजन 5 किलो (यूरिया 11 किलो), फासफोरस 20 किलो (सिंगल सुपर फासफेट 125 किलो) प्रति एकड़ में डालें।

सिंचाई

शफतल की फसल के लिए सिंचाई आवश्यक होती है। हल्की मिट्टी में बिजाई के 3-6 दिनों बाद पहली और भारी मिट्टी में बिजाई के 6-8 दिनों बाद सिंचाई करें। बाकी की सिंचाई जलवायु के हालातों के आधार पर गर्मियों में 9-10 दिनों के फासले और सर्दियों में 10-15 दिनों के फासले पर करें।

पौधे की देखभाल

हानिकारक कीट और रोकथाम

बालों वाली सुंडी : यह पत्तों और तनों को खत्म कर देती है। इनके हमले से फसल का आर्थिक नुकसान होता है।
रोकथाम :  इसे रोकने के लिए फ्लूबैनडीयामाइड 20 मि.ली. या क्विनलफॉस 400 मि.ली. को प्रति 150 लीटर  पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

चने की सुंडी : यह फसल को गंभीर रूप से नष्ट कर देती है।
रोकथाम: इसकी रोकथाम के लिए, 50 मि.ली. क्लोरनट्रैनिलीप्रोल 18.5 एस एल या 60 मि.ली ट्रेसर की स्प्रे करें। यदि आवश्यकता हो तो 10 दिनों के बाद दोबारा स्प्रे करें।

बीमारियां और रोकथाम

  • कुंगी : इससे पौधे के हरे भाग में लाल रंग के छोटे दाने दिखाई देते हैं। पहले पत्तों को जंग लगता है और बाद में पत्ते गिर जाते हैं| प्रभावित बीजों का वजन हल्का होता है।

    रोकथाम : यदि इसका हमला दिखे तो ज़िनेब 75 डब्लयु पी 400 ग्राम या एम-45@400 ग्राम को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।

फसल की कटाई

फसल 55-60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। बाकी की कटाई 30 दिनों के फासले पर करें।

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