समुद्री जीवों से मोती की खेती करते हैं जिसे सीप मोती कहते हैं | ये समुद्री जीव सीप होता है| जिस से सीप के मोती की खेती करते हैं|
समुद्री जीव जिसे सीप कहते हैं सीप के जिगर, फेफड़े, हड्डी सब होता है जैसे अन्य जीवो में होते हैं | सीप समुद्र के नीचे पाया जाने वाला जीव होता है| यह मछली की तरह होता है यह ब्रिटेन बगेरा से लाया जाता है |
इस प्रक्रिया में सबसे पहले इनको समुद्र से लाया जाता है, फिर प्रीकंटेनर जोकी पानी से भरा होता है उसमें 8 से 10 दिन तक उसे रखा जाता है
अब सीप को पानी से थोड़ा बाहर निकाला जाता है उसके बाद इनका ऑपरेशन किया जाता है जब पानी के बाहर निकलते हैं तो ये सीप 0.5-1 mm ( यानी आधा से एक एम एम ) अपना मुंह चौड़ा कर देती है ऑपरेशन से पहले न्यूक्लियस लिया जाता है जिससे मोती बनता है |
न्यूक्लियस भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं न्यूक्लियस को जिस आकार में डालेंगे वो उसी आकार का मोती बनेगा उसके साथ-साथ हम जापान से एन ओ पी लाते हैं और भारतीय एन ओ पी भी उपयोग करते हैं |
सबसे पहले सीप को पानी से बाहर निकलते हैं उसके बाद 0.5 से 1 एम एम अपना मुंह खुल देते हैं उसके बाद एक प्लास (plier) लेते हैं उसकी मदद से थोड़ा सिप का मुंह खोला जाता है 8 mm के करीब मुंह चौड़ा करते हैं उसके बाद एक लकड़ी का स्पॉट उसके मुंह में देते हैं ताकि मुंह चौड़ा रहे फिर सिप के मेंटल वाले हिस्से में चिरा लगाते हैं फिर मेंटल और बाहरी त्वचा के विच न्यूक्लियस लगा देंगे और न्यूक्लियस को थोड़ा थोड़ा भीतर सरका देंगे ताकि अच्छे से उनका पोषण हो सके यही प्रक्रिया दूसरी तरफ करेंगे और ऑपरेशन करने के बाद मेंटल व बाहरी त्वचा को पहले की तरह दोबारा बंद करदे | ऑपरेशन केवल 30 से 40 सेकंड में करना होता है ऑपरेशन के बाद 500 एमजी (mg) एंटीबायोटिक कैप्सूल के अंदर वाला पदार्थ 250 एमजी (mg) पानी में डाले और साथ में ऑक्सीजन भी पानी में डाल दे और घोल दे अब पानी के टैंक में 5 से 7 दिन छोड़ दे फिर हम एक बड़े टैंक जो कि मुख्य टैंक होता है पानी में छोड़ देंगे इस बड़े टैंक में एक बोतल के तीन ट्रे लगाकर उनमें सीप डाल दे और ट्रे टैंक के तल के एक से डेढ़ फीट तक ऊपर रखें | अब इस तरह इस टैंक में 12 से 16 महीने इस टैंक में रख दें
यह सीप दो से तीन इंच अपना पैर बाहर निकाल देती है अगर सीधे खड्डे में रखेंगे तो किसी अन्य जीव से खाना बना लेगी परंतु टैंक में रखेंगे तो चारा (feed) देना होता है 25 ग्राम एनपी के (npk)और 50 ग्राम यूरिया 500 ग्राम गाय का गोबर और चूना पत्थर मिलाकर पानी में मिला दें अब एक से डेढ़ साल बाद मोती बाहर निकाल के बिछ दें अब इनको काट दें | जिस आकार में न्यूक्लियस डाला इस आकार का मोती तैयार हो जाएगा |
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