Table of Contents
1. राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना क्या है?
National Livestock Mission (राष्ट्रीय पशुधन मिशन) मुख्य रूप से बैकयार्ड पोल्ट्री और छोटे जुगाली करने वाले (बकरी और भेड़) उत्पादन के साथ-साथ चारा संसाधन विकास और बीमा जैसे कुछ अन्य घटकों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की एक योजना है। यह एक व्यापक योजना है जो निश्चित रूप से रोजगार सृजन में वृद्धि करती है, खाद्य सुरक्षा में सुधार करती है और पशु उत्पादकता को बढ़ाएगी । वैसे तो यह योजना काफी पुरानी है लेकिन पिछले साल (2021) में पशुपालन विभाग द्वारा इसे फिर से संशोधित कर फिर से तैयार किया गया है। पशुधन क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए, इस क्षेत्र में शामिल 10 करोड़ किसानों के लिए पशुपालन को अधिक लाभदायक बनाना है। देश में खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए रोजगार, उद्यमिता और पशु उत्पादकता के विकास के उद्देश्य से National Livestock Mission योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 से संशोधित और पुनर्गठित किया गया है। क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकता को देखते हुए एनएलएम योजना को वित्त वर्ष 2022-23 से संशोधित और पुन: व्यवस्थित किया गया है। ये स्कीम 2025-26 तक रहेगी और और ये स्कीम सभी राज्यों के लिए है |
2. राष्ट्रीय पशुधन मिशन की योजनाए
- इसको तीन भागो में बांटा गया है
- पहले भाग में नस्ल के विकास पर जोर दिया गया है जिसमें मुख्यता भेड़ बकरी सूअर और देसी मुर्गी की नस्लों को रखा गया है
- दूसरा भाग फीड और फोल्डर विकास से संबंधित है जिसमें फीड बीज उन्नत बीज के उत्पादन को लेकर इकाइयां बनाई जाएंगी इसके अलावा फॉर द प्रोसेसिंग जैसे साइलेज है आदि से संबंधित प्रोजेक्ट्स दिए जाएंगे.
- तीसरा भाग घटक नवाचार और विस्तार का होगा। जिसमे नए नए आधुनिक विचारो को आमत्रिंत किया जायेगा। और उनकी प्रचार प्रसार करने वाली संस्थाओ को स्पोर्ट किया जायेगा
3. आपके प्रोजेक्ट के चयन की प्रक्रिया
इसका संस्थागत संरचना के अंतर्गत सबसे पहले अधिकार प्राप्त समिति का गठन हुआ है इसमें केंद्रसरकार के पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारी रहेंगे | सभी स्कीमों के लिए दिशानिर्देश और नीति को बनाने की जिम्मेदारी इस संस्था की रहेगी | नीति में कोई भी बदलाव के लिए यह कमेटी जिम्मेदार रहेगी| इसके नीचे दूसरी कमेटी आती है जिसे परियोजना स्वीकृति समितिया परियोजना अनुमोदन समिति (Project Approval Committee) कहा जाता है इसके बिना अप्रूव किए कोई भी सब्सिडी ग्रांट नहीं की जा सकती| इसके बाद राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति का गठन होता है यह समिति आवेदकों से स्वीकृत एप्लीकेशन लेकर Project Approval Committee (PAC) को देती है और वह सब्सिडी अप्रूव करती है| इसके नीचे एक और समिति काम करती है जिसे State Implementing Agency (SIA) या राज्य कार्यान्वयन समिति कहते हैं असल में यह संस्था ही डायरेक्ट अभ्यर्थियों और आवेदकों के संपर्क में आती है इसी के जरिए से आपके एप्लीकेशन या आवेदन सब्सिडी के लिए केंद्र सरकार तक पहुंचाए जाते हैं|
4. State Implementing Agency (SIA) एजेंसी का काम
State Implementing Agency (SIA) एजेंसी का मुख्य काम यह होता है कि यह आवेदकों से उनके व्यवसाय के प्रस्ताव और आवेदन पत्र लेती है उसके बाद यह संस्था इन आवेदनों को भली-भांति जांच करती है और उनकी समीक्षा करती है यदि जांच के दौरान इस समिति को प्रोजेक्ट या आवेदन करने वाले में कोई कमी नजर आती है तो यह उसे रिजेक्ट कर देती है यदि State Implementing Agency (SIA) को प्रोजेक्ट समझ में आ जाता है और आवेदक के ऊपर इसे भरोसा हो जाता है तो यह बैंक से लोन के लिए उस प्रोजेक्ट को स्वीकृत कर देती है बैंक इस समिति की सिफारिश को दर्ज कर देते हैं और अमूमन लोन को प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृति दे देते हैं एक बार लोन के लिए स्वीकृति मिल जाने के बाद State Implementing Agency (SIA) इस प्रोजेक्ट को State Level Executive Committee (SLEC) के पास भेज देती है| जब State Level Executive Committee (SLEC) को प्रोजेक्ट ठीक लगता है तो वो Project Approval Committee (PAC) से सब्सिडी के लिए सिफारिश करती है और सब्सिडी आवेदक के अकाउंट में आ जाती है|
5. सब्सिडी किसे मिलती है ?
सब्सिडी लेने के लिए आवेदक कि कुछ एलिजिबिलिटी या पात्रता होती है जिससे समितियां यह निर्धारित करती हैं की उपरोक्त आवेदक को सहायता दी जानी चाहिए या नहीं इसमें सबसे पहला जो मापदंड होता है वह यह होता है कि जिस क्षेत्र में उधमी ने यह सब्सिडी अप्लाई की है उस क्षेत्र में उसका ज्ञान कितना है या फिर उसकी टीम में कोई तजुर्बेकार व्यक्ति उस क्षेत्र से है या नहीं या फिर कोई तकनीकी सलाहकार उनके साथ है या नहीं है इसके अलावा सब्सिडी के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किए गए शेड्यूल बैंक से लोन की प्राप्ति भी एक आवश्यक मापदंड है साथ-साथ आवेदकों के पास या तो अपनी भूमि या फिर लीज पर ली गई भूमि का होना आवश्यक है इसके अलावा KYC डॉक्यूमेंट जैसे आधार पैन कार्ड आदि की जरूरत पड़ती है
6. उद्यमिता कार्यक्रमों की परियोजना स्वीकृति : सब्सिडी की ग्रांट किस प्रकार मिलती है
इसमें सबसे पहले व्यक्ति को एक एप्लीकेशन State Implementing Agency (SIA) के सामने प्रस्तुत करनी होती है जो NLM पोर्टल के माध्यम से भेजी जाती है यह एजेंसी एप्लीकेशन की भली-भांति जांच करती है और उसे शेड्यूल बैंक से लोन दिलाने के लिए सिफारिश करती है जब बैंक सिफारिश को स्वीकार करके लोन देने के लिए तैयार हो जाता है तो उसके बाद आवेदन को State Level Executive Committee (SLEC) के पास भेजा जाता है जो उसे केंद्र सरकार तक भेजती है केंद्र सरकार में पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department ) को यह आवेदन दिया जाता है जो सब्सिडी को Project Approval Committee (PAC) के माध्यम से आवेदक के खाते में जमा करा देते हैं यह सारा फंड ट्रांसफर सिडबी बैंक के माध्यम से होता है भारत सरकार का पशुपालन विभाग (Government Department of Animal Husbandry) के जरिए से सब्सिडी को सिडबी बैंक में बनाए गए आवेदक के खातों में जमा करती है वहां से सीधा उस सब्सिडी को आवेदक के खातों में भेजता है सब्सिडी लेने के लिए बैंक को लोन की किस्त आवेदक को देनी होती है जैसे ही लोन की किस्त आवेदक को मिल जाती है उस के बाद सब्सिडी आवेदक के खाते में आ जाती है |
7. पोल्ट्री के लिए किस प्रकार से सब्सिडी मिलती है
इस स्कीम में बैकयार्ड पोल्ट्री के उत्थान के लिए और नस्ल सुधार के लिए लोन दिया जाता है जिसमें सरकार का उद्देश्य यह रहता है कि बैकयार्ड पोल्ट्री जो कम लागत से की जा सकती है उसे बढ़ावा दिया जाता है इसके लिए आवेदकों को यह स्वयं सहायता समूह भी अप्लाई कर सकते हैं इसमें सरकार देसी मुर्गियों के पैरंट फॉर्म एच डी ब्रूडर कम मदर यूनिट हैचिंग एग्स और सिक्योरिंग यूनिट को लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है इसमें केंद्र सरकार कुल 50% कैपिटल सब्सिडी देती है जिसका मतलब यह है कि फॉर्म बनाने के लिए और उसमें हेचरी या उससे संबंधित अन्य उपकरण खरीदने के लिए पैसे मिलते हैं इसमें 1000 तक पैरंट लेयर मुर्गियां रखने का प्रावधान है| बाकी की पूंजी आवेदक को बैंक के लोन से या फिर अपने आप से अपने पास से लगानी होती है इसमें किसी भी तरीके की कमर्शियल पोल्ट्री जैसे ब्रायलर या लेयर नहीं लगा सकते | केवल कम लागत में की जाने वाली देसी मुर्गियां इसमें पाली जाती हैं इसमें पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 50 लाख होती है जिसमें अधिकतम सब्सिडी 25 लाख तक केंद्र सरकार से मिल जाती है यह सब्सिडी उसी तरह से खाते में आती है जैसा कि पहले बताया जा चुका है
8. भेड़ और बकरी पालन के लिए मिलने वाली सब्सिडी
भेड़ और बकरी पालन के लिए सब्सिडी मिलने का तरीका वही है जो पहले बताया जा चुका है इसमें सरकार के मुख्य उद्देश्य यह है की उद्यमिता को भेड़ और बकरी पालन में बढ़ावा दिया जाए | इसके साथ साथ इसके टिकाऊ व्यापार मॉडल विकसित किए जाएं जिससे युवा पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके इसमें कोई भी व्यक्ति अप्लाई कर सकता है बकरी और भेड़ फार्म के लिए इकाई का आकार अनुदान की अधिकतम राशि
100 मादा और 5 नर 10 लाख
200 मादा और 10 नर 20 लाख
300 मादा और 15 नर 30 लाख
400 मादा और 20 नर 40 लाख
500 मादा और 25 नर 50 लाख
9. इस योजना में कौन कौन पात्र है
- कोई भी व्यक्ति
- किसान उत्पादक संगठन
- स्वयं सहायता समूह
- पूर्व सहकारी संस्था
- संयुक्त देयता समूह
- धारा 8 कंपनियां
10. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत बैंक का चुनाव कैसे करे
- राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
- नाबार्ड से पुर्नवित्त प्राप्त अन्य पात्र संस्थाएँ
- वाणिज्य बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- राज्य सहकारी बैंक
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन में आवेदन करने की प्रक्रिया
- यदि आप राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सबसे पहले इसकी आधिकारिक
- वेबसाइट https://nlm.udyamimitra.in/ पर जाकर अपना आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा योजना के संबंध में ज्यादा
- जानकारी के लिए आप आपने क्षेत्र में निकटम पशुपालन विभाग एवं डेयरी विभाग बोर्ड से संपर्क कर योजना के संबंध में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।
11. राष्ट्रीय पशुधन मिशन ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको सर्वप्रथम इस योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा ।
- इस योजना का होम पेज खुलने के बाद आपको Apply Now के विकल्प पर क्लिक करना है |
- इसके बाद आपके सामने दो ऑप्शन दिखाई देंगे
(1) उद्यमी के रूप में लॉगिन करें (2) सरकार / अन्य एजेंसियों के रूप में लॉगिन करें | - आपको आपके अनुसार विकल्प का चयन करना है |
- अब आपको रजिस्टर के विकल्प पर क्लिक करना है |
- इसके बाद आपके सामने एक आवेदन फॉर्म खुलेगा इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी आपको ध्यान से भरनी है इसके बाद आपको एक बार फिर रजिस्टर के विकल्प पर क्लिक करना है |
- फिर आपको Login के ऑप्शन पर क्लिक करना है और Login कर लेना |
- इसके बाद आपके सामने आवेदन का ऑप्शन दिखाई देगा यह आपको क्लिक करना है
- एक फिर आपके सामने एक आवेदन फॉर्म खुलेगा इसमें पूछी गई जानकारी अच्छे से दर्ज करे और फिर पूछे मांगे गए आवश्यक दस्तावेज को Upload कर देना है।
- Upload करने के बाद आपको Submit कर देना है।
- इस प्रकार से आप इस योजना में आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है ।
12. आवेदन करते समय दस्तावेज की सूची
(नोट:- सूची में जिसके आगे स्टार लगा हुआ है वो दस्तावेज जरूरी है )
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)* जिसमें परियोजना की लागत, वित्त के साधन,
आवर्ती लागत, शुद्ध आय आदि(Detailed project report (DPR)* including cost of project, means of finance,
recurring cost, net income etc.) - भूमि दस्तावेज़ (स्वामित्व/पट्टा विलेख/किराया समझौता आदि)(Land document (Ownership / Lease deed/ Rent Agreement etc.)
- परियोजना स्थल की तस्वीरें(Photographs of project site)
- परियोजना में आवेदक की हिस्सेदारी का दस्तावेजी प्रमाण(Documentary proof of applicant’s share in the project)
- आवेदक के साथ जुड़ी/संलग्न किसानों की सूची जिसमें नाम, आधार शामिल है
नंबर, मोबाइल नंबर और पता( List of farmers linked/attached with applicant comprising Name, Aadhar
Number, Mobile No. and Address) - आवेदक से संबंधित दस्तावेज(Documents related to Applicant)
- पैन कार्ड*(PAN card*)
- जीएसटी पंजीकरण प्रमाणपत्र(GST registration certificate)
- निगमन प्रमाणपत्र (कंपनी के मामले में)(Certificate of Incorporation (In case of company)
- साझेदारी विलेख (साझेदारी फर्म के मामले में)(Partnership Deed (In case of partnership firm)
- पता प्रमाण* (चुनाव आयोग फोटो आईडी कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल,
टेलीफोन बिल, पासबुक, किराया समझौता आदि)Address Proof* (Election Commission Photo ID card, Electricity Bill, Water Bill,
Telephone Bill, Passbook, rent agreement etc.) - पिछले तीन वर्षों के लेखापरीक्षित वार्षिक वित्तीय विवरण, यदि लागू हो(Last three years audited Annual financial statements, if applicable)
- पिछले तीन वर्षों का आयकर रिटर्न, यदि लागू हो(Last three years income tax returns, if applicable)
- पिछले छह महीने का बैंक स्टेटमेंट(Bank statement for last six months)
- बैंक मैंडेट फॉर्म के साथ रद्द किया गया चेक*
सी. प्रमुख प्रमोटर से संबंधित दस्तावेज(Canceled cheque along with bank mandate form*
C. Documents related to Key Promoter) - पैन कार्ड*(PAN Card*)
- आधार कार्ड*(Aadhar Card*)
- पता प्रमाण * (चुनाव आयोग फोटो आईडी कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल, टेलीफोन बिल, पासबुक, किराया समझौता आदि)(Address Proof * (Election Commission Photo ID card, Electricity Bill, Water Bill, Telephone Bill, Passbook, rent agreement etc.)
- फोटोग्राफ* जाति प्रमाण पत्र, यदि लागू हो( Photograph* Caste certificate, if applicable)
- शिक्षा प्रमाण पत्र(Education certificates)
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र(Training certificates)
- पहले की गई किसी भी पशुधन खेती गतिविधि के बारे में अनुभव पत्र/प्रमाण पत्र(Experience letter/ certificate about any livestock farming activities done earlier)
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)* जिसमें परियोजना की लागत, वित्त के साधन,
13. प्रोजेक्ट रिपोर्ट कैसे तैयार करे
आप अपने नजदीकी CA अथवा agriprojectrepor.com टीम से संपर्क करके अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवा सकते है इस प्रोजेक्ट
रिपोर्ट का निर्धारित शुल्क लिया जायेगा जो सिर्फ आपको प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रदान करेगा।
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