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PM Kisan FPO Yojana
देश में किसानों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक योजना से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जिसका नाम पीएम किसान एफपीओ योजना है। इस लेख
Haryana Crop Diversification Scheme
Table of Contents हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए फसल विविधीकरण योजना को शुरू किया था। Haryana Crop Diversification Scheme के तहत धान की खेती को छोड़ने वाले
sanai
Table of Contents सनई सनई एक तेजी से उगने वाली फलीदार फसल है जो रेशे और हरी खाद के लिए उगाई जाती है। जब इसे मिट्टी में मिलाया जाता है तो यह खारेपन और खनिजों के नुकसान को रोकता है
mesta
Table of Contents Recent Posts मैस्टा मैस्टा वार्षिक उगने वाली कपास और पटसन के बाद एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है| इस फसल का मूल स्थान एफ्रो-ऐशीआयी (Afro-Asian) देश है| इसका तना और छिलका रेशा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता
Jantar
Table of Contents Recent Posts जंतर यह हरी खाद के तौर पर ज्यादातर प्रयोग होने वाली फसल है। यह हर मौसम में बोयी जा सकती है जब मिट्टी में आवश्यक नमी हो। यह सिर्फ ज़मीन की हालत ही नहीं सुधारती
Chicory
Table of Contents कासनी की खेती कासनी की खेती कम समय में पैदावार देने के लिए तैयार हो जाती है, इसलिए इसे नगदी फसल भी कहते है | यह एक बहुपयोगी फसल है, जिसे चिकोरी और चिकरी के नाम से भी जानते
जंतर
यह हरी खाद के तौर पर ज्यादातर प्रयोग होने वाली फसल है। यह हर मौसम में बोयी जा सकती है जब मिट्टी में आवश्यक नमी हो। यह सिर्फ ज़मीन की हालत ही नहीं सुधारती बल्कि नाइट्रोजन की कमी को भी पूरा करती है।
जलवायु
Temperature
Sowing Temperature
Harvesting Temperature
Rainfall
मिट्टी
यह हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है, लेकिन रेतली दोमट से दोमट मिट्टी में उगाने पर अच्छे परिणाम देती है।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
ज़मीन की तैयारी
मॉनसून के आने से पहले खेत की अच्छी तरह जोताई करें। जोताई के बाद खेत को नदीन और जड़ों से मुक्त करें। इसके बाद मिट्टी को समतल कर दें। खेत की तैयारी के समय 3-4 टन गली हुई रूड़ी की खाद प्रति एकड़ खेत में डालें।
बिजाई
बीज
खाद
UREA | SSP | MURIATE OF POTASH |
- | 75 | # |
NITORGEN | PHOSPHORUS | POTASH |
- | 12 | # |
खरपतवार नियंत्रण
जब इसे बीज लेने के उद्देश्य से उगाया जाता है, तब बिजाई से एक महीना बाद गोडाई करें।
सिंचाई
हरी खाद के लिए बिजाई की गई फसल को गर्मी में आवश्यकता अनुसार 3 से 4 बार सिंचाई की जरूरत होती है। बीज के लिए बोयी फसल को फूल लगने और बीज बनने के समय पानी की कमी ना होने दें।
पौधे की देखभाल
- हानिकारक कीट और रोकथाम
फसल की कटाई
- हरी खाद के लिए बोयी गई फसल को 40-60 दिन की होने पर मिट्टी में दबा दें । बीज लेने के लिए बोयी गई फसल बिजाई के समय अनुसार मध्य अक्तूबर से शुरूआती नवंबर तक कटाई के लिए तैयार हो जाती है।