Dagnala disease

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इसे पुँछकटवा रोग के नाम से भी जानते हैं। यह रोग फफूंदी के विष से मुख्यतया: भैंस में होने वाला रोग है जो आमतौर पर फफूंदी संक्रमित धान का पुआल खाने से होता है इस रोग से ग्रस्त पशु की टांगों, पूंछ, कान आदि पर गलन हो जाता है जो सडक़र शरीर से अलग होने लगते है।

  • इस बीमारी का निश्चित कारण अभी तक ज्ञात नहीं है परन्तु यह रोग चावल के भूसे से दर्ज की गई सबसे अधिक बार पाई जाने वाली कवक प्रजातियां जैसे- फ्युसेरियम त्रिसिंक्तम, एस्परगिलस, एस्परगिलस फ्लेवस और पेनिसिलियम नोटेटम इत्यादि से होता है।
  • कुछ वैज्ञानिकों का यह मत है कि यह बीमारी सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के वजह से होता है।
  • धान की कटाई के बाद पुआल को ढेर लगाकर रखा जाता है ऐसा संक्रमित पुआल खाने से पशुओं में रोग उत्पन्न हो जाता है।
  • चावल के भूसे में काले काले धब्बे इसमें फंगस के विकास के संकेत के रूप में माने जाते हैं।
  • फफूंदयुक्त पुआल खाने से पशुओं में सेलेनियम विषाक्तता उत्पन्न हो जाती है।
  • आमतौर पर फफूंद संक्रमित पुआल खाने से ही यह रोग होता है। मगर कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि फफूंद संक्रमित भूसे से भी रोग होता है।