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फार्मर रजिस्ट्री की नई अंतिम तिथि और पीएम किसान योजना के अपडेट्स

Table of Contents फार्मर रजिस्ट्री की नई अंतिम तिथि घोषित किसानों को बड़ी राहत देते हुए, सरकार ने फार्मर रजिस्ट्री की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी है। यह फैसला उन किसानों को अतिरिक्त

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मूंगफली की खेती के लिए मिट्टी, उर्वरक और सिंचाई की सही जानकारी

Table of Contents मूंगफली की खेती: किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय मूंगफली (Peanut) एक महत्वपूर्ण तेलहन फसल है जो भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह मुख्य रूप से गर्मी (रबी) और मानसून (खरीफ) दोनों मौसमों में उगाई

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अलसी की खेती: एक लाभदायक तिलहन फसल

Table of Contents अलसी (Linseed): एक महत्वपूर्ण और लाभदायक तिलहन फसल अलसी (Linseed) एक प्रमुख तिलहन फसल है, जिसे भारत में पारंपरिक रूप से रबी सीजन के दौरान उगाया जाता है। यह फसल अपनी बहुपयोगी प्रकृति और पोषण से भरपूर

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हरियाणा में ग्राम (चना) की खेती की पूरी जानकारी

Table of Contents हरियाणा में ग्राम (चना) की खेती हरियाणा में चने की खेती (ग्राम) एक प्रमुख और लाभकारी दलहनी फसल के रूप में जानी जाती है। यह फसल खासतौर पर सूखी और कम उपजाऊ मिट्टी में उगाई जा सकती

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हरियाणा में आंवला की सफल खेती के लिए विस्तृत जानकारी और सुझाव

Table of Contents Haryana में भारतीय आँवला (Indian Gooseberry) की खेती Haryana में भारतीय आँवला (Indian Gooseberry) की खेती बहुत फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि आँवला कम लागत में अच्छा उत्पादन देता है और इसकी बाजार में हमेशा मांग रहती

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किसान मित्र योजना

Table of Contents हरियाणा किसान मित्र योजना हरियाणा सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए “हरियाणा किसान मित्र योजना” शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि उनकी आय

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जंतर

यह हरी खाद के तौर पर ज्यादातर प्रयोग होने वाली फसल है। यह हर मौसम में बोयी जा सकती है जब मिट्टी में आवश्यक नमी हो। यह सिर्फ ज़मीन की हालत ही नहीं सुधारती बल्कि नाइट्रोजन की कमी को भी पूरा करती है।

जलवायु

Season

Temperature

22-35°C
Season

Sowing Temperature

22-28°C
 
Season

Harvesting Temperature

30-35°C
 
Season

Rainfall

750-800mm
 

मिट्टी

यह हर तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है, लेकिन रेतली दोमट से दोमट मिट्टी में उगाने पर अच्छे परिणाम देती है।

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

Punjab Dhaincha 1: यह मोटे बीजों वाली किस्म है जिसकी वृद्धि तेजी से होती है। इसकी ज्यादातर गांठे होती हैं। इसकी औसत पैदावार 3-4 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। यह लगभग 150 दिनों में पक जाती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
CSD 137: यह नमक वाली और सोखने वाली जमीनों में लगाई जाती है। यह 140 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसका औसतन पैदावार 133 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
CSD 123: यह उच्च स्तर के नमक वाली और पानी सोखने वाली ज़मीनों में लगाई जाती है। यह 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसकी औसतन पैदावार 112 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

ज़मीन की तैयारी

मॉनसून के आने से पहले खेत की अच्छी तरह जोताई करें। जोताई के बाद खेत को नदीन और जड़ों से मुक्त करें। इसके बाद मिट्टी को समतल कर दें। खेत की तैयारी के समय 3-4 टन गली हुई रूड़ी की खाद प्रति एकड़ खेत में डालें।

बिजाई

बिजाई का समय
हरी खाद बनाने के लिए इसका सही समय अप्रैल से जुलाई का महीना है और बीज लेने के उद्देश्य से इसकी बिजाई का समय मध्य जून से मध्य जुलाई है।
फासला
खाद बनाने के लिए कतारों का फासला 20-22.5 से.मी. रखें और बीज प्राप्त करने के लिए 45x20 से.मी. पर बिजाई करें।
बीज की गहराई
बीज को 3-4 सैं.मी. की गहराई पर बोना चाहिए।
बिजाई का ढंग
बिजाई के लिए सीड ड्रिल ढंग का प्रयोग किया जाता है।

बीज

बीज की मात्रा
हरी खाद के लिए 20 किलो बीज प्रति एकड़ बोयें। बीज बनाने के लिए 8 से 10 किलो बीज प्रति एकड़ बोयें।

खाद

खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA SSP MURIATE OF POTASH
- 75 #
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITORGEN PHOSPHORUS POTASH
- 12 #
बिजाई के समय फसल में 12 किलो फासफोरस तत्व (75 किलो सुपरफासफेट) प्रति एकड़ डाल देनी चाहिए। यदि फासफोरस का प्रयोग पिछली फसल में किया गया हो तो फासफोरस ना डालें।

खरपतवार नियंत्रण

जब इसे बीज लेने के उद्देश्य से उगाया जाता है, तब बिजाई से एक महीना बाद गोडाई करें।

सिंचाई

हरी खाद के लिए बिजाई की गई फसल को गर्मी में आवश्यकता अनुसार 3 से 4 बार सिंचाई की जरूरत होती है। बीज के लिए बोयी फसल को फूल लगने और बीज बनने के समय पानी की कमी ना होने दें।

पौधे की देखभाल

  • हानिकारक कीट और रोकथाम
  • तंबाकू सुण्डी : इसकी सुण्डी शुरूआती फसल के पत्ते खाकर फसल को नष्ट कर देती हैं। इसकी रोकथाम के लिए नोवालयूरॉन 10 ई.सी. को 150 मि.ली. को 80-100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।

फसल की कटाई

  • हरी खाद के लिए बोयी गई फसल को 40-60 दिन की होने पर मिट्टी में दबा दें । बीज लेने के लिए बोयी गई फसल बिजाई के समय अनुसार मध्य अक्तूबर से शुरूआती नवंबर तक कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
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