Butternut Squash

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कद्दू के समान दिखने वाला बटरनट स्क्वैश, जिसे बटरनट पमकिन या ग्रामा स्क्वैश (gramma squash) आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है, यह किसी भी जलवायु में उगने वाला एक वार्षिक पौधा है, जो बेल के रूप में बढ़ता है, हालांकि इसकी कुछ किस्में झाड़ीदार भी हो सकती हैं। भारतीय व्यंजनों में उपयोग किया जाने वाला विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर, बटरनट स्क्वैश को टेरिस गार्डन या होम गार्डन में आसानी से किसी पॉट या कंटेनर में उगाया जा सकता है। यदि आप अपने घर पर बटरनट स्क्वैश प्लांट उगाना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बटरनट स्क्वैश या बटरनट पमकिन का पौधा कैसे उगाएं, बीज लगाने का सही समय और विधि क्या है, बटरनट स्क्वैश के पौधे की देखभाल तथा हार्वेस्टिंग कैसे करें? कद्दू बटरनट स्क्वैश के बीज लगाने से लेकर फल तोड़ने तक की जानकारी पाने के लिए लेख पूरा पढ़ें।

  • वानस्पतिक नाम – कुकुर्बिटा मोस्काटा ‘बटरनट’ ( Cucurbita moschata ‘Butternut’)
  • सामान्य नाम – बटरनट स्क्वैश, बटरनट पमकिन, ग्रामा (gramma)
  • पौधे का प्रकार – वार्षिक पौधा
  • बीज लगाने का समय – वसंत से समर (फरवरी से जून)
  • सूर्य प्रकाश की आवश्यकता – पूर्ण सूर्यप्रकाश
  • मिट्टी का पीएच – अम्लीय से उदासीन (5.5 से 7.0 PH वाली मिट्टी)
  • पौधे का आकार – 9-18 इंच चौड़ा, 10-15 फीट लंबाई वाली बेल/ कुछ किस्में झाड़ीदार भी होती हैं।
  • हार्वेस्टिंग टाइम – 110-120 दिन

घर पर बटरनट स्क्वैश ठंड व गर्म दोनों मौसम में उगाया जाता है। ठंड के मौसम में उगाये जाने वाले बटरनट स्क्वैश को, विंटर स्क्वैश तथा गर्म मौसम में उगाये जाने वाले बटरनट स्क्वैश, को समर स्क्वैश कहते हैं। समर स्क्वैश को फरवरी से मार्च के महीने में और विंटर स्क्वैश को सितंबर से नवम्बर के महीने के बीच लगाने का समय सबसे अच्छा होता है। यदि आप मध्यम गर्म तापमान वाले क्षेत्र में रहते हैं तो पूर्व साल बटरनट स्क्वैश को ग्रो कर सकते हैं।

अपने टेरेस गार्डन या होम गार्डन में बटरनट स्क्वैश का पौधा उगाने के लिए, आपको निम्न चीजों की आवश्यकता होगी:-

बटरनट स्क्वैश या बटरनट कद्दू का पौधा बेल के रूप में बढ़ता है, जिसकी लम्बाई 10 से 15 फीट तक हो सकती है, इसलिए इस पौधे को लगाने के लिए आपको एक ऐसा ग्रो बैग या गमला चाहिए, जिससे इसकी जड़ों को ग्रो होने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। बटरनट स्क्वैश के बीज को लगाने के लिए कम से कम 15 इंच गहराई तथा 18 इंच चौड़ाई वाला ग्रो बैग आदर्श होगा। गमला या ग्रो बैग चुनते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि उसमें जल निकासी के लिए पर्याप्त छिद्र हों। आप अपने किचिन गार्डन या होम गार्डन में बटरनट स्क्वैश का पौधा लगाने के लिए, निम्न साइज़ के ग्रो बैग यूज़ कर सकते हैं :-

यदि आप अपने घर पर बटरनट स्क्वैश का पौधा उगाने का सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें, कि बटरनट स्क्वैश का पौधा उगाने के लिए 5.5 से 7.0 के बीच पीएच के साथ थोड़ी अम्लीय, कार्बनिक पदार्थों (जैविक खाद) से समृद्ध और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी होनी चाहिए। यदि आपके गार्डन में ऐसी उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध नहीं है, तो आप सामान्य मिट्टी में जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार कर सकते हैं या फिर आप रेडीमेड पॉटिंग सॉइल का भी उपयोग कर सकते हैं, यह मिट्टी भी पोषक तत्वों से भरपूर होती है।

इस पौधे को लगाने के लिए सबसे पहले आपको बटरनट स्क्वैश की उन्नत किस्म के बीज को चुनना होगा (आप बीज को सीड स्टोर या फिर ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं)। बीज खरीदने के बाद उन बीजों की सीडलिंग तैयार करनी होगी इसके बाद उचित तापमान होने पर जब पौधे 6 से 8 इंच की लम्बाई के हो जाएं तब आपको उन्हें किसी पॉट, ग्रो बैग या फिर गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट करना होगा। यदि आप बटरनट स्क्वैश के पौधे रिपॉट या ट्रांसप्लांट नहीं करना चाहते हैं तो आप इस पौधे के बीज को सीधे किसी पॉट, कंटेनर या ग्रो बैग में लगाकर भी ग्रो कर सकते हैं।

किचिन गार्डन या घर पर पॉट या कंटेनर में बटरनट स्क्वैश का पौधा लगाने की विधि निम्न प्रकार है :-

  • सबसे पहले बटरनट स्क्वैश की अच्छी किस्म के बीज लें।
  • अब चुने हुए गमले में पॉटिंग सॉइल भरें, मिट्टी भरते समय इस बात का ध्यान रहे, कि गमला ऊपर से 3 से 4 इंच खाली हो।
  • गमले के बीचों-बीच बटरनट स्क्वैश के दो बीजों को, लगभग 1 इंच की गहराई और 3-4 इंच की दूरी पर लगाएं।
  • बीज लगे हुए गमले की मिट्टी में वाटर कैन की मदद से पानी दें।
  • इसके बाद गमले को धूप वाले स्थान पर रखें तथा मिट्टी की नमी को बनाएं रखने के लिए समय समय पर पानी दें।
  • बीज अंकुरण के लिए मिट्टी का तापमान कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिए, उचित तापमान मिलने पर बटरनट स्क्वैश के बीज 7-10 दिनों में अंकुरित हो सकते हैं।
  • बीज अंकुरित होने के बाद जब पौधे 6 इंच लम्बाई के हो जाएं तब पौधों के मध्य उचित दूरी बनाए रखने के लिए उन्हें सावधानीपूर्वक किसी दूसरे पॉट में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। बटरनट स्क्वैश के दो पौधों के बीच की दूरी कम से कम 18 से 24 इंच होनी चाहिए।

यदि आपने बटरनट कद्दू या बटरनट स्क्वैश का पौधा अपने टेरेस गार्डन या होम गार्डन में लगाया है तो उस पौधे को अच्छी तरह से ग्रो करने और उसमें अधिक फल लगने के लिए आपको पौधे की उचित देखभाल करनी होगी। आइए जानते हैं, बटरनट स्क्वैश पौधे की देखभाल के तरीके के बारे में :-

  • पानी :–

अंकुरित होने के बाद बटरनट स्क्वैश के पौधे को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। जैसे-जैसे बेल बड़ी होती हैं उस समय आपके बटरनट कद्दू के पौधों को और भी अधिक पानी की आवश्यकता होती है। गर्म, शुष्क मौसम के दौरान, आप प्रतिदिन सुबह के समय उस पौधे को पानी दे सकते हैं। पानी देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि मिट्टी सूखी दिखने पर ही पानी दें, क्योंकि बटरनट स्क्वैश के पौधे की जड़ें ज्यादा कठोर नहीं होती जो कि लगातार गीली मिट्टी के संपर्क में रहने से खराब हो (सड़) सकती हैं।

  • सूर्य का प्रकाश :–

    बटरनट स्क्वैश के पौधे को अच्छी तरह से बढ़ने के लिए पूर्ण सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है इसलिए आप इस पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहाँ प्रति दिन 6 घंटे की धूप आती हो। बटरनट स्क्वैश के पौधे अधिक समय तक तेज धूप को सहन नहीं कर सकते और इससे वे मुरझा सकते हैं, इसलिए आप इस पौधे को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहाँ दोपहर के कुछ समय के लिए छाया आती हो।

  • तापमान :–

    बटरनट स्क्वैश का पौधा ठंड के प्रति संवेदनशील होता है इसलिए ठण्ड के समय में इस पौधे को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। 10 डिग्री सेल्सियस या इससे कम तापमान पर पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। बटरनट स्क्वैश के पौधे को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए 21 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान सबसे अच्छा होता है। हालांकि अधिक तापमान होने पर इस पौधे की पत्तियां मुरझा सकती हैं लेकिन कम तापमान अर्थात शाम के समय यह पौधा वापस उसी अवस्था में आ जाएगा।

  • उर्वरक :–

    बटरनट स्क्वैश एक भारी फीडर प्लांट है जिसको अच्छी तरह से बढ़ने के लिए खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है इसलिए इस पौधे को लगाते समय मिट्टी कार्बनिक पदार्थों से युक्त होनी चाहिए। जैसे-जैसे पौधा वृद्धि करता है उसकी मिट्टी में दो या तीन सप्ताह के समयांतराल से जैविक खाद या तरल उर्वरक मिलाएं। बटरनट स्क्वैश के युवा पौधे जब फल लगने की अवस्था में आते हैं तब नाइट्रोजन युक्त खाद की मात्रा कम डालें क्योंकि नाइट्रोजन फल की अपेक्षा पत्तियों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है, जिससे पौधे पर फल कम लगते हैं। पौधे में अधिक फल लगने के लिए आप बोनमीलमस्टर्ड केकPROM इत्यादि ऑर्गनिक फर्टिलाइजर दे सकते हैं।

स्क्वैश बग (Squash bug), कुकुम्बर बीटल (cucumber beetle) जैसे कीट बटरनट स्क्वैश के पौधे को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह कीट पौधे के आसपास की खरपतवार के माध्यम से फैलते हैं इन कीटों को लगने से रोकने के लिए आप पौधे के आस पास उगने वाली खरपतवार को हटाएं और गीली घांस या पुआल से मल्चिंग करें। बटरनट स्क्वैश के पौधे पर इन कीटों का प्रकोप दिखाई देने पर आप पत्तियों पर कीटनाशक साबुन या नीम के तेल का छिड़काव भी कर सकते हैं। बटरनट स्क्वैश के पौधे में निम्न प्रकार के रोग हो सकते हैं :-

  1. डाउनी मिल्ड्यू
  2. पाउडरी मिल्ड्यू
  3. एन्थ्रेक्नोज

ये बीमारियां बटरनट स्क्वैश के पौधे को प्रभावित कर सकती हैं। इन बीमारियों से पौधे को बचाने के लिए आप इस पौधे की कुछ प्रतिरोधी किस्म को उगाएं, पौधे की पत्तियों को गीला न करें तथा पौधे को पूर्ण सूर्य प्रकाश वाले स्थान में लगाएं। बटरनट स्क्वैश के पौधे पर इन बीमारियों का संक्रमण दिखाई देने पर आप संक्रमित हिस्से को काट कर नष्ट कर दें और पौधे पर जैविक कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकते हैं।

बीज अंकुरण के लगभग 110 से 120 दिन बाद जब बटरनट स्क्वैश की त्वचा हल्की कठोर हो जाती है तथा फल को बेल से जोड़ने वाला तना पूरी तरह से सूख जाता है तब आप इस फल की हार्वेस्टिंग कर सकते हैं। यदि मार्च-अप्रैल के महीने आपने इस पौधे के बीज को लगाया है तो जुलाई-अगस्त के महीने में आपको बटरनट कद्दू तोड़ने को मिल सकते हैं। बटरनट कद्दू के तने को लगभग एक इंच ऊपर से प्रूनर की मदद से काट लें। यदि आप इस फल को स्टोर करके रखना चाहते हैं तो इसे लगभग दो सप्ताह तक धूप में सूखने दें।

उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि बटरनट स्क्वैश का पौधा कैसे लगाएं पौधा लगाने का सही समय तथा विधि क्या है और बटरनट स्क्वैश के पौधे की देखभाल तथा हार्वेस्टिंग कैसे की जाती है। उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा, इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, हमें कमेंट में अवश्य बताएं।

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