टमाटर (Tomato)

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टमाटर की खेती अलग-अलग तरह की मिट्टी पर की जा सकती है इसके लिए रेतीली दोमट से लेकर चिकनी मिट्टी, लाल और काली मिट्टी तक पर खेती की जा सकती है अच्छे निकास वाली मिट्टी की पी एच 7-8.5 होनी चाहिए । यह तेजाबी और खारी मिट्टी में भी उगने योग्य फसल है ज्यादा तेजाबी मिट्टी में खेती ना करें । अगेती फसल के लिए हल्की मिट्टी लाभदायक है, जबकि अच्छी पैदावार के लिए चिकनी, दोमट और बारीक रेत वाली मिट्टी बहुत अच्छी है ।

फसल को मिट्टी से होने वाली बीमारियों और कीड़े मकौड़ों से बचाने के लिए बीजों को बिजाई से पहले थीरम 3 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 3 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार करें। इसके बाद टराइकोडरमा 5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार करें । बीज को छांव में रख दें और फिर बिजाई के लिए प्रयोग करें ।

खरपतवार फसल के निमित्त पोषक तत्वों व जल को ग्रहण का फसल को कमजोर करते हैं और उपज को भारी हानि पहुंचाते हैं । फसल की बढ़वार रुक जाती है इसलिए समय-समय पर खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई जरूरी है । यदि खेत में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार, जैसे-बथुआ, सेंजी, कृष्णनील, सतपती अधिक हों तो स्टाम्प-30 (पैंडीमिथेलिन) का छिड़काव करें इससे काफी हद तक खरपतवारों को नियंत्रित कर सकते हैं । 

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