- परिचय
- कृषि विशेषज्ञ ने बताया पोटेटो
हरियाणा के चरखी दादरी में हेरान कर दें ने वाला मामला सामने आया है | खेत में आलू के पोधे पर नीचे आलू और ऊपर टमाटर उग आये हैं । जिसको भी पता लगा वो रानीला बास गांव के खेत को देखने के लिए पहुंच रहा है। ठंड के चलते आलू के पौधों के पत्ते जलने शुरू हो चुके हैं, जिसके चलते किसान ने ऊपर से पौधों को काटकर वहां से हटाने व आलू की खुदाई करने के बारे में सोचा। जब किसान ने पौधों की कटाई शुरू की तो वह आलू के इन पौधों के ऊपर गुच्छों में टमाटर लगे देख हैरान हो गया। उसके बाद उसने दूसरे किसानों को बताया तो किसी को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ। बाद में जब वह खेत पहुंचे और टमाटर तोड़कर उन्होंने स्वयं खाकर इसका स्वाद चखा तो उन्हें इस पर विश्वास हुआ। ग्रामीणों ने पौधों को बारिकी से देखा तो पौधों के नीचे आलू मौजूद हैं, जबकि ऊपर टमाटर लगे हुए है। किसान ने सब्जी में टमाटर डाला तो स्वाद भी बिल्कुल वैसा ही मिला। वहीं किसान ओमकार व रणबीर सिंह ने बताया कि उसने बीते साल भी आलू की खेती की थी, लेकिन इस प्रकार का नजारा देखने को नहीं मिला और सब कुछ सामान्य था। उसने करीब दो साल पहले पास के गांव से आलू का बीज लिया था और पिछले साल कुछ बीज तैयार करके आधा एकड़ में घर का बीज और दो एकड़ में बाजार से लाये बीज की रोपाई की थी। आधा एकड़ में आलू के अधिकांश पौधों पर टमाटर लगे हैं। उसने सब्जी में भी डालकर देखा तो टमाटर जैसा ही स्वाद मिला। कृषि विशेषज्ञो का मानना है कि ये करिश्मा नहीं बल्कि टमाटर के बीज के साथ आलू को सर्वाइव करने का रिजल्ट है। 2010 मैं भिवानी के जुई इलाके में भी ऐसा मामला आ चूका है।
कृषि विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण से बात की तो उन्होंने बताया कि ये टोमेटो नहीं पोटेटो हैं। इसका आकार व स्वाद बिल्कुल टमाटर की तरह ही होता है या यू कहें कि ये एक किस्म से टमाटर ही होता है। डॉ. चंद्रभान ने बताया कि कई बार टमाटर के बीज आलू के साथ सर्वाइव कर जाते हैं। ऐसे में वे आलू से खुराक प्राप्त करते हैं और तना आलू का ही होता है. जबकि ऊपर फल टमाटर का होता है। पहले भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आई हैं ।