- फसल अवशेष प्रबंधन
- प्रोत्साहन राशि
- प्रबंधन प्रशिक्षण
- हरियाणा का धुआं ही घोटता है दिल्ली-यूपी का दम ?
फसलों की कटाई के बाद कई किसान खेतों में बचे अवशेषों में किसान आग लगा देते हैं पराली के इसी धुएं में लोगों की सांस फूलने लगती है कार्बन के कण वाला यहीं धुआं स्मॉग के रूप में हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, दिल्ली को अपनी जद में ले लेता है अब उसी पराली से निपटने के लिए हरियाणा सरकार किसानों को प्रोत्साहन धनराशि देगी । हरियाणा सरकार ने यह कवायद फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के अंतर्गत सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट के तहत की है ।
योजना की पहली शर्त यही होगी कि लाभार्थी को हरियाणा का होना चाहिए लाभार्थी हरियाणा का होने के बाद वह मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण(registration on meri fasal mera byora portal) करेगा । पंजीकरण करने के बाद लाभार्थी का आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण भरना होगा । इसके बाद अन्य शर्ते पूरी करनी होंगी । किसान के खाते में प्रति एकड़ एक हजार रुपये पहुंच जाएंगे इसके अलावा किसान पराली बेचकर भी मुनाफा कमा सकेंगे ।
अधिकारियों के अनुसार सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट (In Situ Management) बेहद सिंपल है इसे आसानी से सीखा जा सकता है । इसमें किसानों को बेलर मशीनों से पराली की गांठें बनाना सिखाया जाएगा बाद में इसे बेचने के लिए मार्किट भी होगा इसकी जानकारी अधिकारी देंगे । एक विशेष बात यह है कि धान के बचे फान या ठूंठों कक कृषि मशीन से दबाना भी सिखाया जाएगा । ठूंठ यदि जमीन में दब जाएगा तो वह खाद्य के रूप में भी काम आएगा इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ जाएगी ।
अधिकारियों के अनुसार सीटू व एक्स सीटू मैनेजमेंट (In Situ Management) बेहद सिंपल है इसे आसानी से सीखा जा सकता है । इसमें किसानों को बेलर मशीनों से पराली की गांठें बनाना सिखाया जाएगा बाद में इसे बेचने के लिए मार्किट भी होगा इसकी जानकारी अधिकारी देंगे । एक विशेष बात यह है कि धान के बचे फान या ठूंठों कक कृषि मशीन से दबाना भी सिखाया जाएगा । ठूंठ यदि जमीन में दब जाएगा तो वह खाद्य के रूप में भी काम आएगा इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ जाएगी ।