प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(Crop Insurance)

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  • किसानों को आपदा से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक बड़ी राहत प्रदान करती है
  • Fasal Bima Yojana में सूखा, आंधी, तूफान, बे-मौसम बारिश, बाढ़ आदि जैसे जोखिम शामिल
  • अब तक करीब 36 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है

भारतीय कृषि को मौसम के साथ एक जुआ माना जाता है। मौसम मेहरबान तो सब चकाचक और मौसम रूठा तो बर्बादी ही बर्बादी। मौसम के साथ इस जुए के बीच आपकी मदद करती है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। यह योजना वाहन या स्वास्थ्य बीमा जैसा ही है जहां आपको नुकसान होने पर आपकी भरपाई की जाती है। इस योजना में भी किसान को फसल पर इंश्योरेंस कवर मिलता है। आइए जानते हैं कि किन आपदाओं के लिए मिलती है सुरक्षा

  1.  यह एक बीमा है, ऐसे में किसानों को फसल बीमा के लिए बुआई के 10 दिनों के अंदर आवेदन करना होता है। बीमा लेने के बाद यदि फसल बर्बाद हुई तभी आपको पैसा मिलता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एक एप्लिकेशन फार्म भरना होता है। यह फार्म ऑफलाइन और ऑनलाइन यानी दोनों तरह से भरा जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन करना होता है। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान नजदीकी बैंक, को-आपरेटिव सोसायटी या फिर CSC (कामन सर्विस सेंटर) में जाकर आवेदन कर सकते हैं। 

यदि आपकी फसल उपरोक्त प्राकृतिक आपदाओं या बारिश के कारण खराब हुई है तो सबसे पहले 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को इसकी सूचना देनी होती है। बीमा कंपनी यह देखेगी कि आपका का असर आपके फसल पर कितना पड़ा है। आकलन के बाद आपके दावे पर विचार किया जाएगा और जितना नुकसान हुआ होगा, उसकी भरपाई की रकम आपके खाते में भेज दी जाएगी।

इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेत राशन कार्ड होता है। यहां जरूरी है कि आपका खाता किसी भी सरकारी या निजी बैंक में हो यह खाता आधार नंबर से लिंक भी होना चाहिए साथ ही किसान का एक मान्य पहचान पत्र, किसान का एक पासपोर्ट साइज फोटो, खेत का खसरा नंबर होना चाहिए। किसान निवास प्रमाण पत्र के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड आदि प्रयोग कर सकते हैं। अगर खेत किराये पर लिया गया है तो खेत के मालिक के साथ इकरारनामा की फोटो कॉपी आदि की जरूरत होगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए एक निर्धारित प्रीमियम का भी भुगतान करना होता है। यह प्रीमियम बेहद मामूली है। किसानों को इस समय खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2 फीसदी, रबी फसलों का 1.5 फीसदी और व्यावसायिक एवं बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 फीसदी प्रीमियम का पेमेंट करना होता है। प्रीमियम की शेष रकम का भुगतान राज्य तथा केंद्र सरकार की तरफ से किया जाएगा।

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