- जीवंत ग्राम कार्यक्रम
- जीवंत ग्राम कार्यक्रम चर्चा में क्यों है ?
- जीवंत ग्राम कार्यक्रम का उद्देश्य
- अधिदेश
- दायरा
- अनुदान
- महत्व
- जीवंत ग्राम कार्यक्रम की विशेषताएं
- वाइब्रेंट विलेज योजना का क्रियान्वयन
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गांवों के स्थानीय प्राकृतिक मानव एवं अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान करना तथा “हब एंड स्पोक मॉडल” पर विकास केंद्रों का विकास करना है।
हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए केंद्र प्रायोजित योजना- “जीवंत ग्राम कार्यक्रम” (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम/वीवीपी) को स्वीकृति प्रदान की है।
जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) देश के उत्तरी भूमि सीमा के साथ 19 जिलों एवं 46 सीमा ब्लॉकों 4 राज्यों तथा 1 केंद्र शासित प्रदेशों में आवश्यक आधारिक अवसंरचना के विकास एवं आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम समावेशी विकास प्राप्त करने एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में आबादी को बनाए रखने में सहायता करेगा।
प्रथम चरण में 663 गांवों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) 19 जिलों एवं 46 सीमावर्ती ब्लॉकों 4 राज्यों तथा 1 केंद्र शासित प्रदेशों में देश की उत्तरी भूमि सीमा के साथ लागू किया जाएगा।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) को 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ स्वीकृति प्रदान की गई थी। ।
4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपये का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।
जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) के परिणामस्वरूप उत्तरी सीमा पर ब्लॉकों के गांवों का व्यापक विकास होगा एवं इस प्रकार चिन्हित सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इससे लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मूल स्थानों में रहने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी एवं इन गांवों से पलायन को प्रतिलोमित कर सीमा की सुरक्षा में सुधार होगा।
वाइब्रेंट विलेज स्कीम स्थानीय प्राकृतिक मानव एवं उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गांवों के अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान तथा विकास करने एवं “हब एंड स्पोक मॉडल” पर विकास केंद्रों के विकास में सहायता करती है इसे निम्नलिखित के माध्यम से संपादित किया जाना है :-
सामाजिक उद्यमिता को प्रोत्साहन,
कौशल विकास एवं उद्यमिता के माध्यम से युवाओं तथा महिलाओं का सशक्तिकरण,
स्थानीय सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान एवं विरासत को प्रोत्साहित कर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना एवं
समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/एसएचजी), एनजीओ इत्यादि के माध्यम से “एक गांव-एक उत्पाद” की अवधारणा पर सतत पर्यावरण-कृषि व्यवसायों का विकास।
जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से जीवंत ग्राम कार्य योजना (वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान) बनाएगा। केंद्र एवं राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी।
जिन प्रमुख परिणामों का प्रयास किया गया है, वे हैं, बारहमासी सड़क, पेयजल, 24×7 बिजली के साथ संपर्क – सौर एवं पवन ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जाना, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी।
पर्यटन केंद्र, बहुउद्देशीय केंद्र एवं स्वास्थ्य तथा कल्याण केंद्र।
सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के साथ अतिव्यापन (ओवरलैप) नहीं होगा।