घर पर परवल का पौधा कैसे उगाएं(How to grow Parwal plant at home)

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परवल (Pointer gaurd), जिसका वानस्पतिक नाम ट्राइकोसैंथेस डायोइका (Trichosanthes dioica) है, यह कुकुरबिटेसी परिवार (Cucurbitaceae) का बारहमासी पौधा हैं। पॉइंटेड लौकी या परवल एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय बेल वाली सब्जी का पौधा है, जिसे बढ़ने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है। परमल, परवल, पॉइंटेड लौकी, परोरा, पोटोल आदि कई नामों वाली यह सब्जी, पोषकतत्वों और खनिजों से भरपूर होने के कारण और ताज़ा तथा स्वादिष्ट खाने के लिए लोग इसे अपने घरों में उगाना पसंद करते हैं। यदि आप भी इस सब्जी को अपने घर या गार्डन में उगाना चाहते हैं, तो  इस आर्टिकल में आप जानेंगे, कि घर पर कटिंग से या बीज से परवल कैसे उगाएं, परमल की बेल को उगाने का सही समय और परवल के पौधे की देखभाल कैसे करें? घर पर परवल के पौधे उगाने की जानकारी पाने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

बेल वाली सब्जी परवल को पोटोल (Potol), परोरा (Parora), परमल, Kambupudalai आदि नामों से भी जाना जाता है।

  • वानस्पतिक नाम – ट्राइकोसैंथेस डायोइका (Trichosanthes dioica)
  • फैमिली – कुकुरबिटेसी परिवार (Cucurbitaceae)
  • बीज लगाने का समय – फरवरी से सितंबर तापमान – 20-35 डिग्री सेल्सियस
  • मिट्टी – 5 से 6.7 ph वाली पॉट साइज़ – 15 इंच की लम्बाई और चौड़ाई वाला पॉट
  • सूर्य का प्रकाश – पूर्ण सूर्य प्रकाश
  • पौधे का प्रकार – बेल वाला बारहमासी पौधा
  • हार्वेस्टिंग टाइम – कटिंग से लगाने पर 4-5 महीने और बीज से उगाने पर 5 महीने से अधिक का समय

यदि आप जानना चाहते हैं, परवल कब लगाएं? तो हम आपको बता दें, कि परवल एक मध्यम गर्म और आर्द्र जलवायु वाला पौधा है, जो कि ठंडे तापमान में ग्रो नहीं कर पाता है। परवल के पौधे के बीज वसंत से गर्मी के मौसम अर्थात फरवरी-जुलाई के महीने के बीच लगाने का समय सबसे अच्छा होता है। आप परवल की कटिंग को फरवरी से सितंबर माह के बीच किसी भी समय अपने होम गार्डन में लगा सकते हैं।

घर पर परवल का पौधा उगाने के लिए आपको निम्न चीजों के आवश्यकता होगी:-

  • परवल के बीज या परवल के पौधे की कटिंग
  • सीडलिंग ट्रे या स्माल पॉट
  • ग्रो बैग
  • पॉटिंग मिक्स
  • वॉटर कैन
  • जैविक खाद या गोबर की खाद
  • बागवानी उपकरण

पॉइंटेड लौकी या परवल का पौधा बेल के रूप में बढ़ता है, इसलिए इस पौधे की लम्बाई अधिक होती है। घर पर इस पौधे को उगाने के लिए आपको एक ऐसे पॉट या ग्रो बैग की आवश्यकता होगी, जो पौधे को ठीक तरह सहारा दे सके। परवल के पौधे पर्याप्त जल निकासी वाले, 15 इंच चौड़ाई और गहराई वाले पॉट या ग्रो बैग में अच्छी तरह से उग सकते हैं।

इस वेजिटेबल प्लांट को उगाने के लिए आप निम्न साइज़ के ग्रो बैग चुन सकते हैं;-

  • 15 x 15 इंच (W x H)
  • 18 x 15 इंच (W x H)
  • 18 x 15 इंच (W x H)
  • 24 x 15 इंच (W x H)
  • 30 x 15 इंच (W x H)

परोरा सब्जी प्लांट या परवल की बेल को उगाने के लिए अधिक उपजाऊ, खादयुक्त रेतीली दोमट मिट्टी, जिसका पीएच स्तर 5.5 से 6.7 ph के बीच हो सबसे अच्छी होती है। यदि आप पॉट या कंटेनर में परवल के पौधे उगा रहे हैं तो अच्छी जल निकासी वाली कार्बनिक पदार्थों से युक्त ढीली मिट्टी का उपयोग करें। 

परवल के पौधे उगाने की प्रमुख विधियाँ निम्न है:-

  • बीज द्वारा
  • कटिंग द्वारा
  • रूट सकर्स द्वारा

यदि आप घर पर बीज से परवल का पौधा उगाना चाहते हैं तो हम आपको बतायेंगे कि परवल के पौधे को बीज से कैसे उगाएं गमले में परवल के बीज लगाने की विधि निम्न है:-

  • सबसे पहले परवल की अच्छी किस्म के बीजों को चुनें।
  • अब चुनें हुए गमले को कार्बनिक पदार्थों से युक्त मिट्टी से भरें, मिट्टी भरते समय ध्यान रहे कि गमला ऊपर से 3-4 इंच खाली हो।
  • गमले के बीचों बीच परवल के बीजों को 1 इंच की गहराई पर बोयें।
  • बीज लगाने के बाद गमले में वॉटर पंप या वॉटरिंग कैन की मदद से पानी डालें।
  • बीज लगे हुए गमले को धूप वाले स्थान पर रखें।
  • परवल के बीज को अंकुरित होने के लिए कम से कम 20 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक  तापमान की आवश्यकता होती है, उचित तापमान मिलने पर 10-14 दिनों में  बीज अंकुरित हो जायेगा।
  • बीज अंकुरण के पश्चात जब पौधे 4-6 बड़े हो जाएँ, तब इन परवल के पौधों को एक दूसरे के बीज लगभग 50 सेमी की दूरी बनाते हुए प्रत्यारोपण कर दें। ध्यान रहे परवल के पौधे अधिक फैलते हैं, इसलिए पौधों को अधिक दूर-दूर लगाएं और बेल को बढ़ने के लिए सहारा दें।

परवल के पौधे को कटिंग से उगाना काफी आसान होता है। इस विधि में सबसे पहले नर्सरी से या 1-2 साल पुराने परवल के पौधे की कटिंग प्राप्त करके उसे किसी पॉट या गमले में लगाया जाता है।

होम गार्डन में परवल के पौधे को कटिंग से उगाने की विधि निम्न प्रकार है :-

  • सबसे पहले कम से कम 1 साल पुरानी परमल की परिपक्व बेल से 1-2 फीट की कटिंग काट लें या फिर नर्सरी से कटिंग प्राप्त करें।
  • कटिंग लेते समय यह सुनिश्चित करें कि कटिंग में कम से कम 8-10 लीफ नोड हों।
  • परवल की कटिंग के निचले हिस्से से पत्तियों को हटा दें।
  • अब चुने हुए गमले या पॉट में पॉटिंग मिक्स या तैयार की हुई मिट्टी भरें।
  • कटिंग लगाने से पहले यह सुनिश्चित करें, कि मिट्टी नमी युक्त हो।
  • गमले के बीचों बीच कटिंग की 3-4 नोड को मिट्टी के अन्दर लगभग 2 इंच गहरा दबाएँ। या गमले में कटिंग हो रखकर, ऊपर से 2 इंच मिट्टी से ढक दें।
  • इसके बाद गमले में वाटर पंप की मदद से पानी डालें।
  • कटिंग लगे हुए गमले को धूप वाले स्थान पर रखें।
  • लगभग 1-2 सप्ताह में आपकी कटिंग में जड़ें विकसित हो जायेंगी, और परवल की बेल बढ़ने लगेगी।

परवल के पौधे में रूट सकर्स पाए जाते हैं जिनके द्वारा भी इस बेल वाले पौधे को लगाया जा सकता है। इस विधि से परवल के पौधे को लगाने के लिए शुरूआती वसंत के समय पुराने पौधे से रूट सकर्स को खोदकर मिट्टी से बाहर निकालें फिर उसे किसी गमले या ग्रो बैग में लगाएं और पर्याप्त पानी देकर उस पौधे की देखभाल करें।

यदि आपने घर पर बेल वाले परवल के पौधे को उगाया है तो उस बेल को पूरी तरह विकसित होने और उसमें फल लगने के लिए आपको उसकी देखभाल करनी होगी। परवल के पौधे की देखभाल करने के तरीके निम्न हैं:-

  1. पानी :–

    परवल के पौधे को गर्मियों और शुष्क मौसम के दौरान नियमित रूप से पानी दें। हालांकि यह पौधा कुछ हद तक सूखे को भी सहन कर सकता है। सर्दियों के मौसम में परवल के पौधे को पानी की आवश्यकता कम होती है लेकिन जब पौधे में फूल और फल आने लगे तो मिट्टी को हर दूसरे दिन पानी दें। परवल के पौधे की मिट्टी को समान रूप से नम बनाएं रखें लेकिन मिट्टी में जलभराव न होने दें।

  2. सूर्य का प्रकाश :–  परवल मध्यम गर्म और शुष्क वातावरण वाला पौधा है जो पूर्ण सूर्य के प्रकाश में तेजी से बढ़ता है हालांकि यह पौधा आंशिक छाया में भी वृद्धि कर सकता हैं लेकिन उस स्थिति में पौधे पर फल नहीं लगते। परवल के पौधे की अच्छी वृद्धि और अधिक फल-फूल लाने के लिए 5-6 घंटे की धूप आवश्यक होती है।

  3. तापमान :–

    परवल का पौधा उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण जलवायु को पसंद करता है। इस पौधे को अच्छी तरह से बढ़ने और अधिक मात्रा में फल लगने के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20-35 डिग्री सेल्सियस है। परवल का पौधा कम या ठंडे तापमान को सहन नहीं कर पाता है, इसलिए ठण्ड के समय इस बेल वाले पौधे की प्रूनिंग की जानी चाहिए, जिससे पौधा ठण्ड के बाद दोबारा वृद्धि कर पाए।

  4. उर्वरक :–

    परवल का पौधा लगाते समय मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं यदि परमल के पौधे में अच्छी तरह से वृद्धि नहीं हो रही है या आपका पौधा कमजोर है तो आप इस पौधे की मिट्टी में नियमित समयांतरल से जैविक खाद डाल सकते हैं जिससे पौधे में अधिक फल भी लगेंगे। परवल के पौधे फूल आने और अधिक फल लगने के लिए आप पोटाश, बोनमील, मस्टर्ड केक जैसे फास्फोरस रिच ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर डाल सकते हैं।

परवल का पौधा बेल के रूप में विकसित होता है और इस पौधे को जमीन से उचित ऊंचाई पर रखने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता होती है क्योंकि यदि पत्तियां मिट्टी को स्पर्श करेंगीं तो पौधे में फंगस या कवक जैसे संक्रमण रोग हो सकते हैं इसलिए इस पौधे को अच्छी तरह बढ़ने के लिए रस्सी, क्रीपर नेट, ट्रेली या बांस का सहारा लेना होता है।

दो सबसे प्रमुख कीट जो परवल के पौधे को प्रभावित करते हैं :-

  • ब्लिस्टर बीटल (Blister Beetle)
  • रेड बिटर बीटल (Red Bitter Beetle)

परवल के पौधे में होने वाले रोग :-

  • डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
  • मोज़ेक वायरस (Mosaic Virus)
  • रूट-नॉट निमेटोड (Root-Knot Nematode)
  • फ्रूट रॉट (Fruit Rot)

इन कीटों और रोगों से छुटकारा पाने के लिए, परवल के पौधे पर जैविक कीटनाशक तेल या नीम के तेल का छिड़काव करें और पौधे की नियमित रूप से जाँच करें। पानी देते समय परवल के पौधे को गीला न करें।

यदि आपने परवल का पौधा कटिंग से लगाया है तो इस पौधे में फल लगने में लगभग 3 से 4 महीने अर्थात 90-120 दिनों का समय लग सकता है और यदि आपने बीज से परवल का पौधा उगाया है तो इस पौधे में फल लगने में 5 महीने से भी अधिक समय लग सकता है। यदि आपने वसंत के मौसम अर्थात फरवरी के महीने में इस पौधे को लगाया है तो मई-जून के समय आप इस पौधे से परमल के फलों की हार्वेस्टिंग कर सकते हैं। परवल मध्यम गर्म तापमान वाला पौधा है, जिसमें बरसात के मौसम में अधिक फल आते हैं। परवल के फल को पूरी तरह पकने से पहले काट लें अन्यथा उनका स्वाद खराब हो सकता है।

परवल के पौधे में सफेद धारियों वाले 2-4 इंच छोटे या लंबे हरे फल होते हैं जो मोटे या गोल होते हैं और जाली पर उगते हैं। हार्वेस्टिंग के बाद परवल के फल ज्यादा देर तक न रखें नहीं तो खराब हो सकते हैं। आप इन्हें फ्रिज में 2-3 दिन तक स्टोर करके रख सकते हैं।

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