गन्ना (Sugarcane)

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सीओवीसी-99463

कर्नाटक

नमी दबाव स्थितियों के लिए उपयुक्तउपज क्षमता-60-70 टन प्रति एकड़ (1483-1730 क्विंटल प्रति हैक्टर)उच्च उपजवर्धक (70-80 टन प्रति एकड़)उच्च तलशाखनबेहतर गुणवत्ताचौड़ी पंक्ति रोपण के लिए उपयुक्तबेहतर रतून उत्पादकतासूखा सहिष्णु और गुड़ बनाने के लिए अति उत्तमपरिपक्वताः मध्यम पछेती।

सीओएलके-09204

(इक्षु-3)

पंजाबहरियाणाउत्तराखंडराजस्थानउत्तर प्रदेश एवं पश्चिमी क्षेत्र

सिंचित एवं जलभराव स्थिति के लिए उपयुक्तगन्ना उपज क्षमता-82.8 टन प्रति हैक्टर और सीसीएस उपज 9.30 टन प्रति हैक्टरएक मध्यम-पछेती क्लोनइसमें झड़न और पुष्पण नहीं होता हैबेहतर रतून उत्पादकता और पोषकतत्व अनुक्रियाशीलपरिपक्वता-मध्यम पछेती (11-12 माह)रेड रॉट एवं स्मट से मध्यम प्रतिरोधी।

सीओपीबी-94

(सीओपीबी-10181)

पंजाबहरियाणाराजस्थानउत्तराखंड के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र एवं उत्तर प्रदेश के उत्तरी तथा पश्चिमी क्षेत्र

सामान्य सिंचित स्थितिउपोष्ण जलवायुसंस्तुत उर्वरक खुराक के साथ वसंत ऋतु में रोपण के लिए उपयुक्तउपज क्षमता-84-87 टन प्रति हैक्टरउच्च उपजवर्धकउच्च शर्करा तत्वपरिपक्वता-मध्यम पछेती (11-12 माह)रेड रॉट प्रतिरोधी।

यूपी (सीओए-11321)

पूर्वी उत्तर प्रदेशबिहारपश्चिम बंगाल एवं असोम

सिंचितसामान्य उर्वरता स्तर के लिए उपयुक्तदबाव से सहिष्णुउपज क्षमता-74.74 टन प्रति हैक्टररस में सुक्रोज (17.90 प्रतिशत)सीसीएस (8.76 टन प्रति हैक्टर) और गन्ना में pol (13.23 प्रतिशत)परिपक्वता-अगेतीप्रमुख रोगों से मध्यम प्रतिरोधी और प्रमुख नाशीजीवों से न्यून प्रतिरोधी।

श्रीमुखी (सीओए-11321)

आंध्रप्रदेश

आश्वस्त सिंचाईसीमित सिंचाईपछेती रोपणबारानीजलभराव और लाल सड़न रोग संवेदनशील क्षेत्रों के लिए उपयुक्तउपज क्षमता-111.31 टन प्रति हैक्टरसीसीएस (13.59 टन प्रति हैक्टर)रस (17.16) में सुक्रोज (प्रतिशत) और गन्ना (13.73) में pol(प्रतिशत)परिपक्वता-अगेतीलाल सड़न से प्रतिरोधीस्मट एवं मुरझान से संवेदनशीलअगेती प्ररोहबेधक नाशीजीव से कम संवेदनशील और अंतर ग्रंथिबेधक से उच्च संवेदनशील।

इक्षु सीओएलके-11206

पंजाबहरियाणाउत्तराखंडराजस्थानउत्तरप्रदेश के मध्य एवं पश्चिमी इलाके

सिंचित रोपण के लिए उपयुक्तउपज क्षमता-91.50 टन प्रित हैक्टरउच्च उपजवर्धक एवं मध्यम-परिपक्वता वाली वाणिज्यिक किस्मनमी दबाव स्थिति के तहत बेहतर निष्पादनपरिपक्वताः मध्य-पछेतीसभी केंद्रों में लाल सड़न और स्मट रोगों से मध्यम प्रतिरोधी।

इक्षु सीओएलके-11203

पंजाबहरियाणाउत्तराखंडराजस्थानउत्तर प्रदेश के मध्य एवं पश्चिमी क्षेत्र

सिंचित रोपण के लिए उपयुक्तउच्च उपजवर्धकलाल सड़न रोग प्रतिरोधी वाणिज्यिक किस्मउपज क्षमता-81.97 टन प्रति हैक्टरसीसीएस (10.52 टन प्रति हैक्टर)रस (18.41) में सुक्रोज (प्रतिशत) और गन्ना (13.44) में pol (प्रतिशत) परिपक्वता-मध्यम पछेतीअधिकतर केंद्रों में लाल सड़न एवं स्मट रोगों से मध्यम रोगीलगभग सभी स्थानों में मुख्य नाशीकीटों से कम संवेदनशील।

सीओ-06022 

(06 सीओ-022)

तमिलनाडु और पुड्‌डुचेरी की पारिस्थितिकी

प्रायद्वीपीय क्षेत्र की सामान्य स्थितियों तथा सूखा संवेदनशील क्षेत्रों के लिए उपयुक्तउपज क्षमता- 105.23 टन प्रति हैक्टरसीसीएस (13.76 टन प्रति हैक्टर)रस (18.88) में सुक्रोज (प्रतिशत) और परिपक्वता अवधि : 10 माह (300 दिन)अगेतीवर्तमान रोगजनकों/लाल सड़न रोग उत्पन्न करने वाले नाशीकीटों से मध्यम प्रतिरोधी।

बाहुबली (सीसीएपफ-0517)

कर्नाटक

दक्षिण कर्नाटक के सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्तउपज क्षमता : 200-225 टन प्रति हैक्टरबेहतर रतून उत्पादकतासामान्य झड़न के साथ गहरा जड़ स्थापनपरिपक्वताः मध्यम-पछेती (12-14 माह)पर्णिल रोग से प्रतिरोधीपर्ण बरुथी और अंतर ग्रंथि नाशीजीव से कम संवेदनशील।

चारचिका (सीओओआर-10346)

ओडिशा

गैर-सड़नसिंचित ऊपरी भूमि और मध्यम भूमि के लिए उपयुक्तउचित जल प्रबंधन के साथ चावल भूमि में भी उगाई जा सकती हैउपज क्षमता-100 टन प्रति हैक्टरपरिपक्वताः मध्यम-पछेती (360 दिन)जलभराव और नमी दबाव से सहिष्णु।

स्त्रोत : खेती पत्रिका, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि अनुसंधान भवन, पूसा गेट, नई दिल्ली-12 

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